बुद्धि के सिद्धान्त, प्रकार एवं विशेषताएं

 बुद्धि (Intelligence)-

बुद्धि को विभिन्न मनोवैज्ञानिकों ने विभिन्न परिभाषाओं द्वारा परिभाषित किया है उनमें से कुछ प्रमुख मनौवैज्ञानिकों ने बुद्धि को निम्नलिखित प्रकार से परिभाषित किया है-

1. वुडवर्थ के शब्दानुसार- “बुद्धि कार्य करने की एक विधि है।”  
2. गाल्टन के शब्दानुसार-  “बुद्धि पहचानने तथा सीखने की शवित्त है।”
3. टरमन के शब्दानुसार- “अमूर्त वस्तुओं के विषय में सोचने की योग्यता बुद्धि है।
4.बंकिघम के  शब्दानुसार,- “सीखने की शक्ति ही बुद्धि है।”-बंकिघम के अनुसार,
5. बर्ट के  शब्दानुसार,- “बुद्धि सापेक्ष रूप में नवीन परिस्थितियों में अभियोजित करने की जन्मजात योग्यता है।”
बुद्धि के प्रकार
थार्नडाइक द्वारा बुद्धि के तीन प्रकार बतायें हैं-
(1) अमूर्त बुद्धि।
(2) सामाजिक बुद्धि।
(3) गामक या यांत्रिक बुद्धि ।

(1) अमूर्त बुद्धि- ऐसी बुद्धि पुस्तकीय ज्ञान प्राप्त करने में सहायक होती है। ऐसी बुद्धि वाले व्यक्ति, कवि, साहित्यकार, दार्शनिक, चित्रकार होते हैं। इस प्रकार की बुद्धि तर्कशास्त्र को समझने में भी सहायक होती है।

(2) सामाजिक बुद्धि- इस प्रकार के बुद्धि वाले व्यक्ति व्यवसायी, कूटनीतिज्ञ और सामाजिक कार्यकर्ता होते हैं।

(3) गामक या यांत्रिक बुद्धि- इस प्रकार की बुद्धि से तात्पर्य उस योग्यता से है जिसमें व्यक्ति अपने को यांत्रिक या भौतिक पदार्थों से समायोजित कर लेता है। इस प्रकार की बुद्धि वाला मनुष्य कुशल कारीगर, मिस्त्री, इंजीनियर हो सकता है।
 बुद्धि के सिद्धान्त
बुद्धि की जटिल प्रक्रिया को आसानी से समझने के लिए बहुत मनोवैज्ञानिकों ने बुद्धि के सिद्धान्त दिए उनमें से कुछ प्रमुख मनोवैज्ञानिकों के द्वारा दिए गए बुद्धि के सिद्धान्त निम्न प्रकार हैं-
  बुद्धि के सिद्धान्त                                                 मनोवैज्ञानिक
1. एक-खण्ड सिद्धान्त                                                बिने, टरमन, स्टर्न
2. द्वि-खण्ड सिद्धान्त                                                  स्पीयरमैन
3. त्रि-खण्ड सिद्धान्त                                                  स्पीयरमैन
4.बहुतत्व सिद्धान्त                                                     थार्नडाइक
5. मात्रा का सिद्धान्त                                                  थार्नडाइक
6.बुद्धि का संरचना सिद्धान्त/त्रिआयामी सिद्धान्त          जे.पी.गिलफोर्ड
7. तरल-ठोस बुद्धि सिद्धान्त                                       आर.बी. कैटल
8.पदानुक्रमिक सिद्धान्त                                            फिलिप बर्नन
9.बुद्धि का पास माडल                                              जे.पी.दास
10.संज्ञानात्मक विकास                                             जीन पियाजे
बुद्धि की विशेषताएँ
(1) बुद्धि वह योग्यता है जिसके द्वारा मनुष्य परिस्थितियों के अनुसार अपने व्यवहार का समायोजन करता है।
(2) बुद्धि पहचानने तथा सीखने की क्षमता है।
(3) बुद्धि, पूर्व में प्राप्त अनुभवों को नयी परिस्थितियों के साथ समायोजित करती है।
(4) बुद्धि के द्वारा अमूर्त चिंतन, तर्क आदि कर सकते हैं।
(5) लिंग भेद के कारण बुद्धि में अन्तर नहीं दिखाई पड़ता है।
(6) बुद्धि का विकास जन्म से लेकर किशोरावस्था के मध्य काल तक होता है।
(7) बुद्धि वंशानुक्रम से प्राप्त होती है।

बुद्धि-लब्धि (Intelligence Quotient)

बुद्धि-लब्धि- बुद्धि लब्धि का आविष्कार टरमैन ने किया था।
कोल एण्ड ब्रूस के अनुसार, “बुद्धि-लब्धि यह बताती है कि बालक की मानसिक योग्यता में विकास किस गति से हो रहा है।”
बुद्धि-लब्धि का सूत्र-     मानसिक आयु X 100
                                       वास्तविक आयु
इस सूत्र को William Stern ने दिया है।
बुद्धि-लब्धि का वर्गीकरण-
मनोवैज्ञानिक टरमैन के अनुसार बुद्धि- लब्धि का वर्गीकरण निम्नलिखित प्रकार से है-
बुद्धि-लब्धि (I.Q)           बुद्धि-वर्ग (Intelligence group)
1.   140 से अधिक           अति उत्कृष्ट (प्रतिभाशाली)
2.  120-139 तक             उत्कृष्ट
3.  110-119 तक              श्रेष्ठ
4.  90-109 तक              सामान्य
5.  80-89 तक                मन्दबुद्धि
6.  70-79 तक                क्षीणबुद्धि
7.  50-69 तक                 मूर्ख
8.  25-44 तक                 मूढ़
9.  0-24 तक                   जड़
बुद्धि परीक्षण (Intelligence Test) –
1. सबसे पहला बुद्धि परीक्षण 1905 में बिने ने अपने सहयोगी साइमन के साथ मिलकर किया था।
2. सबसे पहले बुद्धि परीक्षण का वैज्ञानिक अध्ययन यूरोप महाद्वीप में हुआ था।
3. प्रथम मनोविज्ञान की प्रयोगशाला 1879 में जर्मनी के प्रसिद्ध वैज्ञानिक Wount (वुन्ट) ने स्थापित की थी।
4. वुण्ट के बाद फ्रांस के अल्फ्रेड बिने तथा अमेरिका के थार्नडाइक तथा टरमैन ने बुद्धि परीक्षण का वैज्ञानिक अध्ययन किया।
5.(a) सर्वप्रथम जो बिने एवं साइमन ने बुद्धि परीक्षण तैयार किया गया उसे ‘बिने-सायमन (1905)’ बुद्धि मापक कहा गया ।
(b) 1908 में बिने-सायमन बुद्धि मापक में सुधार किया गया।
(c) अमेरिका के मनोवैज्ञानिक टरमैन ने (1913-16) के बीच बिने-साइमन बुद्धि मापक में संशोधन किया । तब इसका नाम स्टैनफोर्ड बिने स्केल रखा गया।
(d) सन् 1937 में एक बार पुनः टरमैन ने मेरिल के साथ मिलकर स्टैनफोर्ड स्केल में सुधार किया और तब इसका नाम टरमैन-मेरिल स्केल रखा गया।
6. भारत में मनोविज्ञानशाला, इलाहाबाद ने भारतीय बालकों के लिए ‘बिने-साइमन’ परीक्षणों में संशोधन किए।
7. कुछ प्रमुख भारतीय मनोवैज्ञानिक जिन्होंने बुद्धि-परीक्षण के क्षेत्र में कार्य किए-
1. डॉ. सोहनलाल।
2. डॉ. जलोटा।
3. प. लज्जाशंकर।
4. डॉ. भाटिया।

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