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Class-Aves and Mammalia
वर्टीबेटा (कशेरुकी) के खण्ड ग्नेथोस्टोमेटा में सम्मिलित पिसीज (अधिवर्ग) वर्ग-उभयचर, सरीसृप, पक्षी (एवीज) एवं स्तनी (टेट्रापोडा) उच्च कॉर्डेट्स हैं, जिनमें मस्तिष्क के चारों ओर कपाल (cranium) पाया जाता है। केएनिएटा के ग्नेथोस्टोमेटा के सदस्यों में जबड़ा (jaw) विकसित होता है। वर्ग-एवीज एवं मेमेलिया गर्म रुधिर (समतापी) युक्त कॉर्डेट्स है।
वर्ग-एवीज (Aves)
पक्षियों की उत्पत्ति जूरैसिक काल में हुई। पक्षी तथा सरीसृप में अनेक समानताओं के कारण इनको एक अन्य वर्ग-सोरोप्सिड़ा (Sauropsida) में स्थान दिया जाता है। पक्षियों के कुछ प्रमुख लक्षण निम्नलिखित है |
- पक्षी समतापी (homoiothermal) होते हैं, जिनमें अग्रपाद, पंखों में रूपान्तरित हो जाते हैं। पक्षियों में ऊपरी तथा निचले जबड़े, चोंच में रूपान्तरित हो जाते हैं और इनमें दाँत नहीं पाए जाते हैं। इनकी आहारनाल में अन्नपुट (crop) तथा पेषणी (gizzard) होते है।
- इनका हृदय चार-कोष्टीय (four-chambered) होता है। पक्षियों की पूँछ (tail) में प्रीन-ग्रन्थि (preen gland) पाई जाती है (अपवाद तोता, शुतर्मुर्ग)
- इनमें स्वर रज्जु (vocal cords) नहीं पाए जाते हैं। इनमें वायु कोष (air sacs) पाए जाते हैं तथा वाक यन्त्र, सिरिंक्स (Syrinx) होता है।
- इनमें 12 जोड़ी कपाल तन्त्रिकाएँ (cranial nerves) पाई जाती हैं।
- पक्षियों की हड्डियों छिद्रित (pneumatic) होती हैं, जो हल्की होने के कारण वायवीय जीवन में सहायक हैं।
- इनमें लैंगिक द्विसमरूपता (sexual dimorphism) पाई जाती है। निषेचन आन्तरिक होता है तथा सभी अण्डज (oviparous) होते हैं।
- वर्ग-एवीज को गण नियोऑर्निथस (उड़ने वाले पक्षी) एवं पेलियोग्नेथी या रेटिटि (बिना उड़ने वाले पक्षी) में वर्गीकृत किया जाता है।
- करोटी में ऑक्सीपिटल कॉन्डाइल उपस्थित होता है।
- कशेरुकाओं का सेन्ट्रम विषमगर्ती (saddle-shaped or heterocoelous) लम्बर, सेक्रल, वक्षीय तथा कुछ अग्र पुच्छीय कशेरुकाएँ संयुक्त होकर सिन्सेक्रम का निर्माण करती है।
- काडल वर्टीबी (अन्तिम पुच्छ कशेरुक) छोटी पूंछ से समेकित होकर पाइगोस्टाइल या कपुच्छफान बनाती है।
- लाल रुधिर कणिकाएँ अण्डाकार एवं केन्द्रक युक्त होती हैं।
- पक्षियों में मूत्राशय अनुपस्थित होता है (अपवाद शतुर्मुर्ग)।
- पक्षियों में उत्सर्जन यूरिकोटैलिक प्रकार का होता है। पक्षियों (मादा) में केवल बार्यों अण्डाशय अर्थात् एक अण्डाशय ही पाया जाता है।
- अण्डे सकोशी, अतिपीतिकी एवं अंशभाजी विंबाभ विदलन पाया जाता है।
- परिवर्धन के दौरान-एम्नियॉन, कोरियॉन, एलेनटॉइस एवं योक सेक (बाह्य भ्रूणीय कलाएँ) का निर्माण होता है। पक्षियों का अध्ययन ऑर्निथोलॉजी कहलाता है।
वर्ग-मैमेलिया (Mammalia)
सीनोजोइक महाकल्प (Coenozoic era) को स्तनधारियों का युग (Age of mammals) कहा जाता है। स्तनधारियों के अध्ययन को मैमोलॉजी कहते हैं। स्तनधारियों के प्रमुख लक्षण निम्नलिखित हैं-
- ये जन्तु नियततापी (warm blooded) रोम युक्त होते हैं तथा इनमें स्तन ग्रन्थियाँ स्वेद अन्थियाँ, तेल ग्रन्थियाँ या दूध उत्पन्न करने वाली अन्थियाँ पाई जाती हैं।
- इनका हृदय चार-कोष्ठीय होता है। केवल बायाँ दैहिक चाप (left systemic arch) पाया जाता है। इनमें विभिन्न प्रकार के अर्थात् विषमदन्ती तथा जबड़ों के गों (sockets) में फंसे हुए अर्थात् गर्तदन्ती (thecodont) दाँत पाए जाते है।
- इनमें करोटि, द्विकन्दीय (dicondylic) अर्थात् दो अस्थि कन्दीय (occipital condyles) होती है।
- ग्रीवों में कशेरुकों की संख्या 7 होती है तथा एसीलस कशेरुक (अगर्ती) उपस्थित होते हैं।
- मस्तिष्क में पाए जाने वाले चार दृक पिण्ड (optic lobes) को कोर्पोरा क्वाड्रीजैमिना कहते हैं। कपाल तन्त्रिकाओं की संख्या 12 जोड़ी होती है।
- इनमें प्रगुहा चार गुहाओं में विभक्त होती है, एक हृदयावरणी गुहा (pericardial cavity) एक उदरीय गुहा (abdominal cavity) तथा दो फुफ्फुसावरणी गुहा (pleural cavities) होती है।
- RBCs केन्द्रक विहिन होती है (अपवाद ऊँट एवं लामा)
- वृषण (Testes) शरीर से बाहर वृषणकोषों (scrotal sacs) में स्थित होते है और मैथुन अंग शिश्न (penis) पाया जाता है।
- इनमें निषेचन आन्तरिक होता है और ये जरायुज (viviparous) जन्तु होते हैं।
- अण्ड में पीतक की मात्रा बहुत कम होती है अतः एलैसिथल (alecthal) या माइक्रोलैसिथल अण्डे पाए जाते हैं।
उदाहरण-प्लेटीपस, खरगोश, गिलहरी, मनुष्य, आदि।
वर्गीकरण (Classification)
स्तनधारियों को दो मुख्य उप-वर्गों में बाँटा गया है.
प्रोटोथीरिया (Prototheria)
- प्रोटोथीरिया के सदस्य अण्डा देने वाले स्तनधारी है।
- प्रोटोथीरिया में अण्डे अतिपीतकी (polylecithal) होते हैं।
- स्तन अन्थियाँ स्तनागों या चुंचुक रहित होती है। उदाहरण-डकबिल्ड प्लेटीपस (duckbilled platypus), एकिडना (Echidna) |
थीरिया (Theria)
- यह बच्चे देने वाले स्तनधारी है।
- उप-वर्ग-थीरिया को दो जीवित अघोवर्गों (infra-classes) मेटाथीरिया और यूथीरिया में बाँटा जाता है।
- उदाहरण- कंगारु (Macropus), बन्दर, मानव, खरगोश, गिलहरी, व्हेल, हाथी, ऊँट, जिराफ, गाय, भैंस, बकरी, आदि। स्तनधारी वर्ग से सम्बन्धित महत्वपूर्ण तथ्य निम्नलिखित हैं
- आकार की दृष्टि से संसार का सबसे बड़ा और भारी जीव नीली व्हेल (Balaenoptera musculus) की औसत लम्बाई 34 मी और भार 185 टन होता है।
- सबसे छोटे स्तनी कलम जैसी पूँछ वाली दुर्लभ छडूंदर (shrew) हैं, जो मलेशिया, सुमात्रा, बोर्नियो, आदि द्वीपों पर पाई जाती हैं। इनकी औसत लम्बाई लगभग 250 मिमी एवं भार 40 ग्राम होता है।
- स्तनधारी प्राणियों में रुधिर का सबसे अधिक तापमान (औसत 39.9°C) पालतू बकरी (Caprahircus) का होता है, जबकि रुधिर का सबसे कम तापमान (औसत 22.2C) ऑस्ट्रेलिया और न्यूगिनी में पाए जाने वाले स्तनधारी एकिडना या कटीले चींटीखोर (Tachyglossus aculeatus) का होता है
- डकबिल्ड प्लेटीपस (duckbilled platypus) एकमात्र विषैला स्तनी है।