व्यक्तित्व (Personality)-
व्यक्तित्व के अर्थ को स्पष्ट करने हेतु कुछ मनोवैज्ञानिकों ने व्यक्तित्व की परिभाषाएँ दी है जो अधोलिखित हैं-
डेशिल के अनुसार, “व्यक्तित्व, व्यक्ति के संगठित व्यवहार का सम्पूर्ण चित्र होता है।
व्यक्तित्व के प्रकार (Types of Personality).
(1) शरीर-रचना दृष्टिकोण
क्रेश्गर ने
(1) लम्बकाय
(2) सुडौलकाय
(3) गोलकाय
(4) असाधारण
(1) लम्बकाय
(2) सुडौलकाय
(3) गोलकाय
(4) असाधारण
असाधारण
(2) समाजशास्त्रीय दृष्टिकोण
(2) समाजशास्त्रीय दृष्टिकोण
स्पैगर ने –
(1)सैद्धान्तिक
(2) आर्थिक व्यक्तित्व
(3) सामाजिक व्यक्तित्व
(4) राजनैतिक व्यक्तित्व
(5) धार्मिक व्यक्तित्व
(6) कलात्मक व्यक्तित्व
(2) आर्थिक व्यक्तित्व
(3) सामाजिक व्यक्तित्व
(4) राजनैतिक व्यक्तित्व
(5) धार्मिक व्यक्तित्व
(6) कलात्मक व्यक्तित्व
समाजशास्त्रीय
(3) मनोवैज्ञानिक दृष्टिकोण
(3) मनोवैज्ञानिक दृष्टिकोण
युंग ने-
(1)अन्तर्मुखी व्यक्तित्व
(2) बहिर्मुखी व्यक्तित्व
(3) उभयमुखी व्यक्तित्व
Note :
(a) क्रेश्गर के द्वारा लिखी गई बुक- Physique and Character
(b) स्मैंगर के द्वारा लिखी गई बुक- Psychological Types
(c) युग के द्वारा लिखी गई बुक- Types of man
(a) क्रेश्गर के द्वारा लिखी गई बुक- Physique and Character
(b) स्मैंगर के द्वारा लिखी गई बुक- Psychological Types
(c) युग के द्वारा लिखी गई बुक- Types of man
व्यक्तित्व की प्रमुख विशेषतायें-
(1) अच्छे व्यक्तित्व की प्रधान विशेषता आत्म चेतना होती है।
(2) एक अच्छे व्यक्तित्व के लिए व्यक्ति का उत्तम मानसिक स्वास्थ्य होना चाहिए।
(3) एक अच्छे व्यक्तित्व के लिए सामाजिकता का गुण होना अत्यंत आवश्यक है।
(4) अच्छे व्यक्तित्व की प्रमुख विशेषता समायोजनशीलता भी है।
(5) संगठित व्यक्तित्व के लिए आवश्यक है व्यक्ति जो भी कोई कार्य करे उसका कोई एक निश्चित उद्देश्य हो।
(1) अच्छे व्यक्तित्व की प्रधान विशेषता आत्म चेतना होती है।
(2) एक अच्छे व्यक्तित्व के लिए व्यक्ति का उत्तम मानसिक स्वास्थ्य होना चाहिए।
(3) एक अच्छे व्यक्तित्व के लिए सामाजिकता का गुण होना अत्यंत आवश्यक है।
(4) अच्छे व्यक्तित्व की प्रमुख विशेषता समायोजनशीलता भी है।
(5) संगठित व्यक्तित्व के लिए आवश्यक है व्यक्ति जो भी कोई कार्य करे उसका कोई एक निश्चित उद्देश्य हो।
व्यक्तित्व के विकास को प्रभावित करने वाले कारक-
व्यक्तित्व को मुख्यतः दो कारक प्रभावित करते हैं जो अधोलिखित हैं-
(1) वंशानुक्रम
(2) वातावरण
व्यक्तित्व को मुख्यतः दो कारक प्रभावित करते हैं जो अधोलिखित हैं-
(1) वंशानुक्रम
(2) वातावरण
(1) वंशानुक्रम के अंतर्गत निम्नलिखित तत्व आते हैं-
(a) शारीरिक रचना,
(b) अन्तः स्रावी ग्रन्थियाँ,
(c) स्नायुमण्डल,
(d) बुद्धि।
(a) शारीरिक रचना,
(b) अन्तः स्रावी ग्रन्थियाँ,
(c) स्नायुमण्डल,
(d) बुद्धि।
(2) वातावरण के अंतर्गत निम्नलिखित कारक आते हैं-
(a) भौतिक वातावरण,
(b) सामाजिक वातावरण,
(c) सांस्कृतिक वातावरण
(a) भौतिक वातावरण,
(b) सामाजिक वातावरण,
(c) सांस्कृतिक वातावरण
व्यक्तित्व परीक्षण-
व्यक्तित्व परीक्षण के लिए कुछ प्रमुख विधियाँ निम्नलिखित हैं-
(1) आत्मनिष्ठ विधि।
(2) वस्तुनिष्ठ विधि।
(3) प्रक्षेपी विधि।
व्यक्तित्व परीक्षण के लिए कुछ प्रमुख विधियाँ निम्नलिखित हैं-
(1) आत्मनिष्ठ विधि।
(2) वस्तुनिष्ठ विधि।
(3) प्रक्षेपी विधि।
आत्मनिष्ठ विधि (Subjective Method)
(a) जीवन इतिहास विधि (Case History Method)- इस विधि में व्यक्ति से सम्बन्धित सारी सूचनाएँ (शारीरिक स्वास्थ्य, सामाजिक सूचनाएँ) तथा उसके परिवार के इतिहास का अध्ययन करके सूचनाएँ एकत्र की जाती हैं।
Note : जीवन इतिहास विधि का उपयोग प्रायः मनोवैज्ञानिक रोगों के उपचार के लिए किया जाता है।
Note : जीवन इतिहास विधि का उपयोग प्रायः मनोवैज्ञानिक रोगों के उपचार के लिए किया जाता है।
(b) प्रश्नावली विधि (Questionnaire Method)- प्रश्नावली विधि में प्रश्नों के उत्तर हाँ या नहीं अथवा लिखकर देने होते हैं।
Note : इस विधि का सबसे अधिक प्रयोग सरकारी मदों पर चुनाव के लिए किया जाता है।
Note : इस विधि का सबसे अधिक प्रयोग सरकारी मदों पर चुनाव के लिए किया जाता है।
(c) साक्षात्कार विधि (Interview Method)- साक्षात्कार विधि व्यक्ति के व्यक्तित्व को समझने के लिए उपयोग में लायी जाती है।
Note : इस विधि का भी उपयोग सर्वाधिक उच्च सरकारी पदों पर चुनाव के लिए किया जाता है।
Note : इस विधि का भी उपयोग सर्वाधिक उच्च सरकारी पदों पर चुनाव के लिए किया जाता है।
(d) आत्मकथा लेखन विधि (Autography Method)- आत्मकथा लेखन विधि में परीक्षक के द्वारा व्यक्तित्व से सम्बन्धित एक शीर्षक दे दिया जाता है परीक्षार्थी को उसी से सम्बन्धित अपना व्यक्तिगत इतिहास (आत्मकथा) लिखना होता है।
वस्तुनिष्ठ विधि (Objective Method)
1.नियंत्रित निरीक्षण विधि (Controlled observation Method)
(मनोविज्ञान की प्रयोगशाला में नियंत्रित परिस्थितियों में किया जाता है।)
2.मापन रेखा विधि (Rating Scale Method)
(व्यक्तित्व का मापन स्वयं या सम्पर्क में रहने वाले व्यक्ति से करवाया जाता है।)
3.समाजगिति विधि (Sociometrical Method)
(व्यक्तित्व का मापन सिर्फ सामाजिक गुणों के आधार पर करते हैं।)
4.शारीरिक परीक्षण विधि (Physiological Test Method)
(विभिन्न यंत्रों की सहायता से व्यक्तित्व का मापन करते हैं।)