Projective Method (प्रक्षेपी विधि)

3.Projective Method (प्रक्षेपी विधि)

प्रासंगिक अन्तर्बोध परीक्षण (T. A.T.)
निर्माण-
1. मॉर्गन मुरे ने 1935 में किया।
2. इसे कथानक बोध परीक्षण भी कहते हैं।
3. कार्डों की संख्या 31 होती है।
31 = 10 पुरुषों के लिए + 10 महिलाओं के लिए + 10 दोनों के लिए +1 खाली कार्ड होता है।
4. यह वयस्कों के लिए होता  है।
बाल-सम्प्रत्यक्ष परीक्षण (C.A.T.)
1. डॉ. अर्नेस्ट क्रिस ने किया।
2. इसका उपयोग 1948 में लियोपोड बेलाक ने सबसे पहले किया।
3. इसमें कार्डों की संख्या 10 होती है। सभी कार्डों पर कोई न कोई जानवर छपा होता है।
4. यह 3-11 साल के बच्चों के लिए होता है।
रोर्शाक स्याही धब्बा परीक्षण (R. I. T)
1. हर्मन रोर्शाक
2. इसमें 10 स्याही के धब्बों वाले कार्डों  का उपयोग होता है।
3. 10 Card = 5 Black + 2 Black + Red + 3 Card Multi Color.
4. इसका निर्माण 1921 में हुआ।
कहानी पूर्ति परीक्षण (S.C. T)
1. इसमें परीक्षार्थी के सामने अधूरे वाक्य या अधूरी कहानियों को छोड़ा जाता है।
2. परीक्षार्थी इनको अपने विचारों द्वारा पूर्ण करता है।
समायोजन (Adjustment)-
व्यक्ति अपने और वातावरण के बीच संतुलित सम्बन्ध रखने के लिए अपने व्यवहार में परिवर्तन करता है। समायोजन है।

समायोजन के प्रकार (Types of Adjustment)

(1) बाह्य समायोजन (External Adjustment)- इस प्रकार के समायोजन में व्यक्ति बाह्मय वातावरण से सामंजस्य स्थापित करता है।
(2) आन्तरिक समायोजन (Internal Adjustment)- इस प्रकार के समायोजन में व्यक्ति स्वयं से सामंजस्य स्थापित करता है।
प्रमुख परीक्षण तथा उनसे सम्बन्धित अध्यापन के क्षेत्र

प्रमुख परीक्षण
                अध्यापन के विषय
1.T.A.T                           व्यक्तित्व लक्षण
2 रोर्शाक स्याही               अचेतन प्रेरणा
3.निष्पादन परीक्षण         अशिक्षितों की बुद्धि के लिए
4.मौखिक परीक्षण           शिक्षितों की बुद्धि के लिए
5.चिमटी परीक्षण             यांत्रिक कौशल
6. स्मृति परीक्षण               स्मृति
कुछ प्रमुख परीक्षण एवं उनके प्रतिपादक-

परीक्षण                          प्रतिपादक
1. T.A.T                          मार्गन, मुरे
2.रोर्शाक स्याही               हरमन रोर्शाक
3.C.A.T.                        Dr. Earnest (निर्माण)
L Belaak (सर्वप्रथम उपयोग)
4.Cross Out परीक्षा        प्रेसी
5. मोजेक परीक्षण           मार्गरेट लेविन फील्ड
प्रमुख कथन-
(1) व्यवहार ही व्यक्तित्व है -वाटसन ने
(2) व्यक्तित्व समस्त शारीरिक, जन्मजात तथा अर्जित प्रवृत्तियों का योग -गार्टन ने
(3) व्यक्तित्व का विकास व्यक्ति में उपस्थित “अभिप्रेरकों के द्वारा होता -अब्राहम गैस्लो

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